Shami Plant
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Prosopis cineraria | |
Size of the Plant | Small (Approx. 20cm-30cm) |
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Pot | 5 inch Round Plastic Pot (Black) |
Maintenance | Very low maintenance plant hence it needs very less supervision |
Water Schedule | Everyday in summer , Twice a week in winter. |
Sun Exposure | Plants For Shaded Balconies, Plants For Sunny Balconies |
Ideal Location | Outdoor/ SunLight Loving |
Description
शमी के पौधे के फायदे (Shami Plant Benefits)
शमी के पौधे के फायदे (Shami plant benefits) से हम सभी वाकिफ हैं। यह धार्मिक महत्व के साथ-साथ अपने ज्योतिषीय एवं औषधीय लाभों के लिए भी जाना जाता है।
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यह पौधा तुलसी के पौधे जितना ही फायदेमंद होता है। इसके फल, पत्ते, जड़ और जूस को चढ़ाने से शनि देव के प्रतिकूल प्रभाव को कम किया जा सकता है।
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घर में शमी का पेड़ (Shami tree) लगाने से सुख, शांति व धन की प्राप्ति होती है, साथ ही यह नकारात्मक ऊर्जा से भी बचाता है।
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औषधि के क्षेत्र में इस पौधे का बहुत महत्व है। कई बीमारियों जैसे मानसिक विकार, सिज़ोफ्रेनिया, श्वसन मार्ग के संक्रमण, दाद, दस्त, प्रदर, आदि के इलाज में इसका इस्तेमाल किया जाता है।
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पौधे के विभिन्न भागों का इस्तेमाल कई औषधीय उद्देश्यों के लिए किया जाता है। सूखी छाल को अल्सर के उपचार में इस्तेमाल किया जाता है, और पिसी हुई छाल का काढ़ा गले में खराश और दांत दर्द में राहत देता है। इसके पत्तों की औषधि का इस्तेमाल एंटीसेप्टिक और पेचिश में किया जाता है।
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इसके पत्तों के रस का इस्तेमाल आंत में मौजूद परजीवी कृमियों को मारने हेतु किया जाता है। फली का इस्तेमाल मूत्रजननांगी विकारों के इलाज के लिए किया जाता है।
- आयुर्वेद के अनुसार शमी के पौधे (Shami plant benefits) का इस्तेमाल शरीर के कफ तथा पित्त दोष को संतुलित करने में लाभकारी होता है। इसकी छाल और फलों का इस्तेमाल दोषों के उपचार में किया जाता है।
- यह खुजली वाले चर्म रोग, बिच्छू के काटने, रक्तस्राव संबंधी विकारों और आंखों तथा चेहरे में जलन के इलाज में भी फायदेमंद है।
- बार-बार गर्भपात से पीड़ित महिलाओं को भी इसका सेवन करने की सलाह दी जाती है।
- चेहरे के बाल हटाने के लिए भी शमी के पौधे (Shami plant) के फलों का पेस्ट इस्तेमाल किया जाता है।
Plant Care
LIGHT
Thrives in medium to bright indirect light, but can tolerate low indirect light.
WATER
Water weekly, allowing soil to dry out half way down between waterings. Increase frequency with increased light. Does best in higher humidity.
PLANT TIP
This plant is pet-friendly!